गूंजते हैं मन में तेरे , थोड़े जवाब, ढेरों सवाल ,
एक अजीब सी बेचैनी है, रोज़ वही, फिर वही बवाल
पाना क्या तू चाहता है, मुद्दा ये फिर आज जिलायें
आओ आज इस शांति में, शांति का स्वर मिलायें
ये हद अकेलेपन की, ये दुनिया इतनी सुनसान
आख़री घड़ी ही शायद, लगे इतनी वीरान
मुँह पर लगा है आज पट्टा, अब अपनी असल पहचान बनायें
आओ आज इस शांति में, शांति का स्वर मिलायें
आज जो है दूर, वो अपने, घर को जाना चाहता है
मुश्किल कितनी क्यों ना हो, वो पार करना जानता है
क्या है अपनी मंज़िल, आज इसका हम अनुमान लगायें
आओ आज इस शांति में, शांति का स्वर मिलायें
Few answers resonate in your mind, but many questions,
There is a strange uneasiness, everyday the same, the same commotion
What do you want to achieve, let’s resurrect the issue today
Come, in this peaceful time today, let’s mix the voice of peace
This last limit of loneliness, this world so deserted
Probably at the last watch, it seems so isolated
Masks on the face today, let’s create our real identity
Come, in this peace today, let’s mix in the voice of peace
Today whoever is far away, he wants to go to his home
No matter how difficult it is, he knows how to overcome
What is your destination, lets contemplate today
Come, in this peace today, lets mix in the voice of peace
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